जिन्दगी में हम बिना लक्ष्य के कुछ भी नहीं कर सकते
सोचो अगर एक फुटबॉल टीम को मैदान में खेलने के लिए भेज दिया
जाये लेकिन उस मैदान में गोल करने की जगह
ही नहीं बनाई गयी हो तो क्या होगा
फुटबाल कि तरह ज़िन्दगी में भी हम तब-तक आगे नहीं बढ़ सकते जब तक हमें अपने लक्ष्य का पता ना हो
अर्नोल्ड एच ग्लासगो
आप सुबह अपने घर से निकलते हे तो आपको ये पता होता हे की आपको जाना कहा है अब सोचिये अगर आपको ये नही पता होगा की जाना कहा हे तो इधर उधर भटकते रह जायेंगे और परेशान हो जायेंगे
1979 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
में छात्रों पर एक शोध किया गया
उनमे कुछ छात्र बहुत मेधावी थे और कुछ सामन्य थे
सभी को एक जगह बुला कर उनसे पूछा की "क्या आपने अपने भविष्य के लिए स्पष्ट, लिखित लक्ष्य निर्धारित किए हैं और उन्हें पूरा करने की योजना है?
84% लोगो के पास कोई निश्चित लक्ष्य नहीं था
13% लोगो के पास लक्ष्य तो थे
पर वे लिखित में नहीं थे
3% छात्र ऐसे थे जिन्होंने अपना एक लक्ष्य बनाया हुआ था
10 साल बाद 1989 में दोबारा उन छात्रों को बुलाया और उनसे उनके जीवन के बारे में पुछा
गया
तो रिसल्ट सामने आये
वो चौकाने वाले थे
13 प्रतिशत छात्र, जिनके लक्ष्य लिखित
में नही थे, उनकी आय उन 84 प्रतिशत के आय से औसतन 10% ज्यादा थी जिनके पास कोई लक्ष्य नहीं था
और वे 3% लोग जिनका लिखित लक्ष्य था उनकी आय औसतन दोगुनी थी उन 84% लोगो से जिनके कोई लिखित लक्ष्य नहीं थे
जबकि वे 84% लोग आज भी कही न कही संघर्ष कर रहे थे
वह लोग जिनके स्पस्ट , लिखित लक्ष्य होते हैं, वह कम समय में दुसरे लोग जितना सोच भी नहीं सकते उससे कहीं ज्यादा सफलता प्राप्त करते हैं
Brian Tracy ब्रायन ट्रेसी
सोचिये आप एक पत्र
वाहित कबूतर को पिंजरे में रखते हे और उस
पिंजरे को बक्से में बंद कर दे और उस बक्से को एक गाडी में लेकर हजारो मिल चले
जाये फिर उस पिंजरे से उस कबूतर को आजाद करे उड़ने के बाद वो आसमान में दो चक्कर
लगाएगा और फिर अपने लक्ष्य तक पहुच जायेगा दुनिया में कबूतर के अलावा सिर्फ एक हि
जीव हे जिसके पास ये लक्ष्य तक पहुचने का हुनर हे और वो हे इंसान
सफलता के इस प्रमाण के वावजूद भी ज्यादातर लोगो के पास स्पष्ट, समयबद्ध लक्ष्य नहीं है जिस पर वे काम करते हैं
जीवन में लक्ष्य इतना महत्वपूरण हे फिर भी
लोग आपना लक्ष्य नहीं बनाते
उनके लक्ष्य न बननें के पीछे मुख्या कारण होते हे
1.वे लोग
लक्ष्यों को महत्वपूर्ण नहीं मानते
ऐसा जब होता हे यदि आप ऐसे माहौल में रहते हे जहा लक्ष्यों के बारे में कोई जानता हि नहीं हे
2. वे सोचते
हे की उनके पास पहले से हि कोई लक्ष्य हे
ऐसे लोग सपनो को हि अपना लक्ष्य मान लेते हे जैसे खुश रहना अच्छा पारिवारिक जीवन जीना आदि
3. अस्वीकृति
का दर
लोग इस बात से डरते हे की उन्होंने कोई लक्ष्य बनाया और उसे वे प्राप्त न कर सके तो लोग क्या कहेंगे
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